Wednesday, 18 May 2016

nari

बस मैं बलात्कार कांड मैं सांसद मैं महिलाओं का क्रोध धधक रहा था  लेकिन पुरुष वर्ग निस्तेज बैठा था  जैसे ऐसी क्या खास बात हो गई यह तो रोज की बात है औरते तो बस रोना रोती  हैं  निकली कही को किसने कहा  था सिनेमा जाये घर मैं बैठे खाये पिएं और मौज मारे  घर से निकल कर आजादी की साँस  लेना है पटक दी बढ़िया करके चैन आगया  फालतू मैं हल्ला गुल्ला  १४  होय दो पढ़ने पढ़ने की जरूरत क्या है कौन रोटी थोपवे मैं पढाई चाहिए वो ही काम ठीक है अब १४ साल की छोकरी को अगर पढ़ा लिखा  आदमी चाहिए  तो उसकी उम्र २६ -२७ तो होगी तो क्या बात है आदमी की न जात  न उम्रन रंग रूप चाहिए देखा जाये तो बस आदमी होना चाहिए देश के  कर्ण धारों  के चेहरे पर एस सकूं था कि बिल्ली मार् दी हो लोंडे  लपाडे  हैं जरा ऐश  कर्ली ऐसा  शोर मच रहे हैं की न जाने क्या प्रलय आ गई हो अरे बहन बेटी तो सबके घर मैं हैं पर पहले वो एक तजा गोश्त काहे  की बहन कएय  की बेटी जब अपनी बहन बीबी को भेजते हैं तो दस आगे सुरक्षा गार्ड  दस पीछे रहते हैं आखिर हम देश के रखवाले हैं तुम्हारा बस चले तो तुम रख लो बीस गार्ड   

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