दिन ब दिन बढ़ते अपराध के मामले देश की कानूनी व्यवस्था की धज्जियाँ उडाता किसका मजाक उडा रहा है पुलिस बल न्यायिक व्यवस्था व् नेता ये देश को घुन की तरह चाट रहे हैं नेताओं को अपनी सुरक्षा की इतनी चिंता है की उन्हे कोई मार न दे क्योंकि उनकी सुरक्षा का पैसा जनता अपनी जेब से दे रही है बीस बीस गाड़ियों के काफिले संग क्यों चलते हैं पेट्रोल का पैसा जनता क्यों दे अपनी चिंता है तो अपने पैसे से गार्ड रखो। जिसदिन नेताओं की सुविधाएँ मिलना ख़त्म हो जायेगा नेता चलनी मैं छन जायेंगे क्योंिक नेता बनते ही साधारण जनता का ादमिहजरों स्वामी होकर खास हो जाता है ईएसआई दुनिया मैं कोई जादू की छड़ी नहीं हैं की प्रतिदिन करोड़ों कम ले मैं कॉर्पोरेट घरानों की बात नहीं कर रही हूँ नेता या नेता का रिश्तेदार होते ही कहाँ से पैसा आ जाता है की टूटे फूटे झोपड़े महल बन जाते हैं और बड़ी बड़ी इंडस्ट्री ख डी हो जाती है जिन कागजों को पूरा करवाने के लिए जनता के जूते घिस जाते है जिनके लिए आम आदमी रुपया भर थैला लेकर एड़िया रगड़ ले पर सरकारी महकमों से अनुमति मिलना ही उसको खली कर देगा नेता और उसके बच्चे मूंछो पर ताव देते हैं की है कोई आदमी की औलाद जो उनके बाल भी हिल सके
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