Sunday, 12 January 2025

Abhishapt heera

 अभिशाप की छाया में                          डा. शशि गोयल


 अभिशप्त हीरा: वाशिंगटन के स्मिथ सोनियन म्यूजियम में बुलेटप्रूफ कांच के पीछे एक बेहद नीली चमक वाला हीरा रखा हुआ है । हीरे का नाम है होप डायमंड ।

हैरी विंसटन नामक प्रसिद्ध  जौहरी के कथाअनुसार होप इस पृथ्वी का सबसे अव्छा सुन्दर हीरा है । यह बसंत का खुशनुमा दिन है। कोमल नीला, यह ठंडा नहीं है इसमें जीवन है आप इससे बात कर सकते हैं , गा सकते हैं  लेकिन इसका इतिहास खून से रंगा हुआ है। यह नीला हीरा 112 ं5 कैरेट था और बर्मा के पागान राज्य में राम सीता के मंदिर में था । वहॉं से  इसे एक फ्रेंच जैाहरी  जीन बैप्टिस्ट ने  चुरा लिया और उसके स्थान पर एक साधारण हीरा रख दिया,और यहीं से इस हीरे का खूंरेजी इतिहास प्रारम्भ हुआ। जिस पुजारी ने  जीन बैपिस्ट की हीरा चुराने में सहायता की वह तड़प तड़प कर मरा । कहा जाता है जीन बैपिस्ट की मौत भी भूखे  कुत्तों के  नोच नोच कर खाने से हुई । लुई चौदहवें ने इसे दिल के आकार का करवा दिया । इसका वजन 65 ं 5 कैरेट रह गया । किंग लुइस चौदहवें ने इसे पहना साथ ही उस पर चेचक का प्रकोप हुआ । उसने वह हीरा अपनी खूबसूरत चहेती रानी मातेस्पॉ को उपहार में दे दिया । शीघ्र ही वह कुछ गलतफहमियों के कारण राजा की नजरों से गिर गई ।लुई पन्द्रहवें ने वह हीरा अपनी महारानी बैरी को दिया जिन्हें 1793 में सूली पर चढ़ना पड़ा । लुई सोलहवें ने इसे अपनी प्यारी रानी मैरी अन्तोनी को दिया । मेरी अन्तोनी ने उस हीरे को  अपने एक प्रेमी को दे दिया और तीनों को फ्रांस क्रांति के तहत सूली पर चढ़ना पड़ा ।

   फ्रांस की क्रांति के बाद यह हीरा गार्दे म्यूबल्स में प्रदर्शन हेतु रखा गया। मेयती नामक चोर ने यह हीरा वहॉं से चुरा लिया । शीघ्र ही मेयती पकड़ लिया गया और उसका सिर कलम कर दिया गया । अब यह एक अंग्रेज जौहरी के पास आया इसका वजन 44.5 कैरेट रह गया था । शीघ्र ही वह जौहरी कंगाल हो गया। उसने इस हीरे को  90.000 पाउंड में हेनरी थामस होप को  बेच दिया । यहीं से इसका नाम होप डायमंड पड़ा । अब तक इसके तीन हिस्से हो चुके थे । एक 44.5 कैरेट जो होप परिवार के पास था दूसरा 13.75 कैरेठ जो चार्ल्स,डयूक ऑफ वार्नसेविक, के पास था जिन्हें 1874 में अपनी सम्पूर्ण सम्पत्ति को नीलाम करने के लिये मजबूर होना पड़ा। तीसरा हिस्सा 1.74 कैरेट का पेरिस की एक फर्म के पास था जिसने उसे लंदन के एक व्यापारी के हाथ बेच दिया। होप परिवार की तीन पीढ़ियॉं  इस अभिशप्त हीरे ने नष्ट कर दीं । दीवालिया होने के साथ ही होप की पत्नी दूसरे व्यक्ति के साथ चली गई और हीरा होप के दूसरे रिश्तेदार के पास चला गया। फ्रेंकल ने यह हीरा फ्रांस के एक जौहरी कैलाट को बेच दिया जो एकाएक अपना मानसिक संतुलन खो बैठा  और निराशा के क्षणों में उसने आत्महत्या करली ।

इसका अगला मालिक एक रूसी राजकुमार बना उसने  अपनी पत्नी को गोली मार दी । होप डायमंड की अन्य मालिक जर्मन महिला भी इसके  अभिशाप से ग्रस्त हुई और अपनी संपूर्ण सम्पत्ति गंवा बैठी अंत यहॉं हुआ कि उसकी प्रतिदिन की आय केवल दो डालर रह गई । इसके पश्चात् यह हीरा एक ग्रीक दलाल के हाथ आया लेकिन दलाल और उसका पूरा परिवार एक कार दुर्घटना में मारा गया। वहॉं से यह हीरा तुर्की के एक सुल्तान अब्दुल हमीद द्वितीय के पास आया । सुल्तान ने इस हीरे को अपनी प्यारी बेगम जुबैदा को दिया। जुबैदा बहुत दिन से सुल्तान की हत्या करने की सोच रही थी। इस उपहार के बाद उसने  अपनी योजना को  कार्यरूप में परिणित करना चाहा लेकिन उसका प्रयास सफल नहीं हुआ बल्कि सुल्तान ने ही उसे  मार दिया ।

कुछ समय पश्चात् युवराज ने बगावत करदी । राज्यकोष खाली हो गया और सुल्तान को अपने सभी जवाहरात पेरिस के  बाजार में बेचने पड़े । अमेरिका के मैक्लीन ने  112,000 डालर में उसे खरीदा लेकिन तुरंत बाद ही उसका युवा पुत्र कार दुर्घटना में मर गया स्वयं मैक्लीन की मौत भी अकाल हुई । श्रीमती मैक्लीन के विषय में भी कहा जाता है कि मानसिक रूप से अस्वस्थ होकर ही उसने आत्महत्या कर ली ।1947 में इस हीरे को  नीलामी में प्रसिद्ध व्यापारी हैरी  विन्सटन ने खरीदा । दस वर्ष हीरा  उसके पास रहा और आर्थिक रूप से  विन्सटन को एक के  बाद एक  नुकसान हुआ । अंत में उसने डाक द्वारा हीरा स्मिथ सोनियन संग्रहालय में भेज दिया । कहा जाता है कि डाकिया तक इसके अभिशाप से न बच सका और उसकी सम्पूर्ण सम्पत्ति आग की भेंट चढ़ गई स्वयं वह दुर्घटना ग्रस्त हो गया । 



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