भोर जब भी मुस्कराती है
ख्यालों मैं तू मुस्कराती है
दुपहरिया का फूल जब भी खिलता है
तेरी बाँहों का एहसास मिलता है
शबनमसे रात जब नाम होती है
रेशमी गुल सी मखमली छुअन होती है
रात मैं आकाश मैं तारे टिमटिमाते हैं
तेरी चाँद मागने की जिद याद आती है
ख्यालों मैं तू मुस्कराती है
दुपहरिया का फूल जब भी खिलता है
तेरी बाँहों का एहसास मिलता है
शबनमसे रात जब नाम होती है
रेशमी गुल सी मखमली छुअन होती है
रात मैं आकाश मैं तारे टिमटिमाते हैं
तेरी चाँद मागने की जिद याद आती है
No comments:
Post a Comment