Sunday, 3 February 2013

हम कभी कभी  अपने को कितना कमतर  समझने लगते हैं की एक हीन भावना सी भर जाती है  उसके एक प्रयास से यह हो गया  वह हो गया हमारे इतना करने पर भी क्यों नहीं हुआ  डॉ मिथलेश दीक्षित  ने बताया
की उन्होंने महरषि  अरविन्द रचित सावित्री खरीदी  उस रात कमरे मैं एक प्रकाश सा छाया  रहा .सावित्री मेरे पास भी है पर मुझ पर यह कृपा  क्यों नहीं हुई मैंने कोई प्रकाश क्यों नहीं देखा , इसका अर्थ है मुझ मै  श्रद्धा  नहीं है  .प्रकाशक भी इस  से  वंचित होगा .








बराक ओबामा  से वाइट हाउस की  रिसेप्शनिष्ट 'सर, किसी ने आपको  बधाई  देने  के  लिए फोन  किया  है  पर  कुछ  बोल नहीं  रहे हैं .'
ओबामा ,'उनको नमस्ते  बोलो जरूर  मनमोहनसिंह  होंगे '


एक अरसे  तक रंग मैं न रहने  के बाद  दिग्विजयसिंह आखिरकार ,'हाफिज सईद  साहब के साथ लॉट आए  है  इससे पता चलता है फार्म तो आती  जाती  रहती है  लेकिन स्तर  बरक़रार  है


हाफिज सईद ने सुशीलकुमार शिंदे  और दिग्विजय सिंह को फेसबुक  फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी है  

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