बहुत दुःख बहुत क्रोध आता है जब चंद चांदी के टुकड़ों के लिए कोई अपने देश को बेचने के लिए तैयार होता है ऐसे लोगों को धिक्कार है अपनी मट्टी अपना वतन इससे उपर भी कुछ हो सकता है एक वे महिलाएं सोफिया और व्योमिका जो अपनी जान कुर्बान करने को तैयार हैं और एक ओर जो एश आराम के लिए दुश्मन देश को सूचना दे रही है सोफिया व्योमिका को सलाम है
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