कर दाताओं का पैसा नेता अपनी कुर्सी बचाये रखने के लिये किस बुरी तरह निकम्मों को पालने के लिये खर्च करते हैं वे पलें उन्हें वोट दें और वे अपने कोठे भरें,न उन्हें देश से मतलब न जनता से जो बुरी तरह पिस रही है । जो देश विरोधी बातें करते हैं जो भारत की असली जनता को समाप्त करने की बातें करते हैं उन्हें ही पाल रहे हैं ।एक मरफ देश जन संख्या विस्फोट से बुरी तरह लड़खड़ रहा है दूसरी तरफ चार टांग की कुर्सी के लिये नेता उनहें भरकर उन पर करदाताओं की मेहनत को न्यौछावर कर रहे हैं जो मिटाने की बात कर रहे हैं उन्हें पाल रहे हैं।जैसे बरात में नचकैया पर मनचले रुपये उड़ाते हैं और नचकैये पैसा उड़ाने वालों की बलैया लेते हैं एक बार पैसा उडत्राने वाले से यह तो पूछ लो िकवह बाप का पैसा उछ़ा रहा है या अपनी मेहनत का।नेता मेहनत का पैसा फोकटियें को ऐसे दे रहे हैं जैसे दनका पैसा है। यह नहीं सोच रहे हैं कि सांप पाल रहे हैं जब सांप अजगर का रूप् लेता जायेगा और अपना कद बढ़ाता जायेगा वह देखेगा कि अब कद बराबर का हो गया है तो निगल जायेगा यह न सोचो िकवह तुम्हें नहीं निगलेगा। अगर आम जनता को निगलेगा तो उसमें तुम भी तब आम हो जाओगे। बंगला देश से सीख लो सांप पालना बंद करो ।
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